Friday 24 September 2021

ukti

 अंधेरा चादर उढ़ाता है उजाला उघाड़ देता है ।

कालिख पोतने वाले के हाथ भी काले होते हैं

स्वभाव आदमी छोड़ता नहीं है। दुःख में और निखर जाता है । बांस में छेद करो तो मधुर स्वर देने लगता है।

दृष्टि हीन को अंधा कहने वाला स्वयं अंधा होता है, देखना तो उसे है ।

हम पत्थर युग की ओर बढ़ रहे हैं । सारे आविष्कार नष्ट करदो तब शायद अधिक सभ्य हो जायेंगे।

साधन हीन व्यक्ति के लिये अतिथि देवता है और साधन सम्पन्न के लिये मुसीबत।


Saturday 18 September 2021

सावधान यहाँ कुत्ते हैं

 

ckny jkst u;k gksrk gS A og vkrk tkrk ugha gS tUe ysrk gS

 lM+d dh bZaV dks Bksdj ekjksxs mNYkdj rqEgsa gh vkgr djsxh A

dHkh ge Hkh >wers pyrs Fks vc pyus esa >wers gSa A

vktdy dksfB;ksa ds vkxs fy[kk jgrk  gS lko/kku ;gkWa dqÙks gSa A

?kj ifjokj esa firk iq=] iq=o/kw iRuh lc gkjrs Hkh gSa vkSj thrrs Hkh gSa ekWa ges”kk gkjrh gSA