Thursday 30 November 2023

Bridges across Humanity

 Only One Universal God

Some would deny any legitimate use of the word God because it has been misused so much. Certainly it is the most burdened of all human words. Precisely for that reason it is the most imperishable and unavoidable.1 —Martin Buber In all theistic religions, whether they are polytheistic or monotheistic, God stands for the highest value, the most desirable good. Hence, the specific meaning of God depends on what is the most desirable good for a person.2 —Erich Fromm I remember when my classmate from Stanford Business School, Dan Rudolph, then the Chief Operating Officer of Stanford Business School, visited me in India from California with his family. His two daughters, seven and nine years old respectively, who were raised in a devout Christian family, got quite fascinated by Hindu mythology. 

Wednesday 29 November 2023

News letter

 कुछ साल बाद मैं अपने पिता द्वारा दी गई एक किताब पढ़ रहा था।  जिसे भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉण् राधाकृष्णन् द्वारा लिखा गया था, जिन्होंने हार्वर्ड डिविनिटी स्कूल में विश्व धर्म 

2

अध्ययन केंद्र का उद्घाटन भी किया था। पुस्तक मेंए राधाकृष्णन ने लिखा है कि कैसे उन्होंने खुद को केवल हिंदू सभ्यता ही नहीं बल्कि संपूर्ण मानव सभ्यता के अनुनायक के रूप में पहचाना। मेरे हृदय तंत्री के तार बज उठे जो आज भी मेरे जीवन में गूंज रहेे है।

इन दो घटनाओं और मेरी मां और पिता द्वारा मुझे दिए गए दो खूबसूरत उपहारों ने मुझे अपने आसपास की दुनिया में विविधता को संजोने और उसका दोहन करने की सीख देकर मेरे जीवन को बेहद समृद्ध बनाया।

मेरा अपना परिवार हिंदू था और जब मैं पुरानी दिल्ली में बड़ा हो रहा था तो इसने दुनिया को देखने के मेरे नजरिए को आकार दिया। हिंदू धर्म अपनी मान्यताओं और अनुष्ठानों के साथ आया था, अपने आप मेरे अंदर समाहित हो रहा था लेकिन अंततः जोर अपने स्वयं के अनुभवों के माध्यम से सत्य खोजने पर था। मैंने अपना जीवन एक आस्तिक के रूप में शुरू किया, लेकिन साथ ही एक सत्य के खोजी के रूप में भी।☻


Sunday 26 November 2023

khushi

 चिरस्थायी ख़ुशी के लिए करने योग्य तीन चीज़ें,

ख़ुशी, पूर्तिण् प्रचुरताण्

हम मनुष्य हमेशा चेतना की उस अवस्था के लिए उत्सुक रहते हैं जिसे हम ,जीवन संतुष्टि, को दर्शाने के लिए अपने पसंदीदा स्थान धारक(प्लेसहोल्डर) वाक्यांश के साथ लेबल करते हैं। यूईएफ में, हमारा पसंदीदा फल.फूल रहा है। ष्फूलष् शब्द से संबंधित फलने.फूलने का अर्थ है कि हम अपनी पूर्ण क्षमता की स्थिति में खिल जाएं। एक फूल अपनी पूरी क्षमता से तब तक खिलता है जब तक उसे सही अनुपात में पर्याप्त धूप पानी और हवा मिलती है। और एक फूल अपने आप में खुश है . एक गुलाब गेंदा नहीं बनना चाहता। फलने.फूलने को स्थायी खुशी की स्थिति के रूप में भी समझा जा सकता है, जो कि क्षणभंगुर खुशी की सामान्य खोज के विपरीत है जो हमेशा बाहरी वस्तुओं पर निर्भर होती है। सच्चा सुख चिरस्थायी होना चाहिए, एक बार प्राप्त होने पर यह हमेशा वहाँ रहना चाहिए।


Sunday 15 October 2023

Rashtr Darshan

 राष्ट्र दर्षन

हमारा राष्ट्र         एषिया महाद्वीप में भारत वर्ष

राष्ट्र गीत          जन गन मन अधिनायक

राष्ट्र ध्वज          तिरंगा

राष्ट्रीय ध्येय        हर व्यक्ति का स्वराज्य

 राष्ट्रीय निष्ठा      सत्यमेव जयते 

राष्ट्रीय साधना      अहिंसा परमो धर्म  

राष्ट्रीय मंच         मानव संरक्षण मानव मात्र कास्वष्ंसिद्ध अधिकार है

 राष्ट्रीय संकल्प     जन सेवार्थ जीवेत ष्षरदः ष्षतम्

 राष्ट्रीय अभिलाषा   सर्वे भवन्तु सुखिन सर्वे सन्तु निरामया

 राष्ट्रीय भूमिका      सार्व भौम प्रभुत्व संपन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य

 राष्ट्रीय  भावना     मनमन मंदिर घरघर गुरुकुल गांव गांवगोकुल 

राष्ट्रीय  नीति      जीवन के ष्षाष्वत मूल्यों पर आधारित पंचषील

 राष्ट्रीय  भजन      वैष्णव जन तो तेने कहिये

राष्ट्रीय  सेवा        स्वदेषी स्वाबलंबी स्वयं सेवा

राष्ट्रीय  भाषा        हिंदी और राष्ट्र लिपि देव नागरी

राष्ट्रीय  गणवेष      कृषि गौ सेवा,उन्नत उद्योग बुनियादी षिक्षा   

राष्ट्रीय  वनचर      वनराज सिंह

राष्ट्रीय  पक्षी       मयूर

राष्ट्रीय  पुष्प       कमल

राष्ट्रीय  फल        सुरभित आम    

राष्ट्रीय चिन्ह        अषोक चक्र 

राष्ट्रीयता          वसुधैव कुटुम्बवम

राष्ट्रीय देवता       योगेष्वर विरूवा सूर्य 

राष्ट्र माता           स्वर्गादीप गरीयसी भारत माता

राष्ट्र पिता          महात्मा गांधी

राष्ट्रभविष्य           बालक राष्ट्र निर्माता




Friday 13 October 2023

ukti sukti

 ऽ 1दूसरे की प्रसन्नता से मिली हुई वस्तु दूध के समान है,मांगकर ली हुई वस्तु पानी के समान है और दूसरे का दिल दुःखा कर ली हुई वस्तु रक्त के समान है ।


2साहसी ,कर्तव्यशीलऔर परिश्रमी व्यक्ति ही लक्ष्मी को प्राप्त् कर सकते हैं- ड्रायडन

3संकट के समय घीरज धारण करना ही माने आधी लड़ाई जीत लेना है - प्लांटस

4परमात्मा मुझे वह आंख दे, जो संसार के सकल पदार्थों को प्रेम की दृष्टि  से देखें- वेद

5किसी को भाग्य के भरोसे न रहना चाहिये। यह निश्चय सूझना चाहिये कि गुण ही भाग्य है,वही युवा पुरुध संसार में आगे बढ़ सकता है, जो जानकारी रखता है और जो अपने उद्देश्य की सिद्धि के लिये पुरा प्रयत्न करता है ।- जार्ज मूर


Wednesday 11 October 2023

ukti

 

 

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Monday 9 October 2023

ukti sutra

 एक दिया उस ताखे एक दिया उस चैखट 

एक दिया उस बरगद तले जलाना


2फूल सजाये दामन में पर जख्मों की पहचान नहीं

 जो न किसी का दुःख बांटे वो पत्थर है इंसान नहीं 


3 सपनों की बगिया महकाओ आषाओं के कमल खिलाओ 

 द्वार सजा हैे   किरणों का रथ लेकर आओ 

 लम्हा लम्हा यूंही वक्त गुजर जायेगा


Sunday 8 October 2023

udahran

 दीपों में देवता का वास माना जाता और देव पूजा में दीप प्रज्वलित करना आवष्यक हैदीपक प्रकाष ही नहीं निरंतर साहस पूर्ण संघर्ष का प्रतीक है

 एक दीप प्रभु नाम का एक दीप घनष्याम

सरे दीपक जल उठे विघ्न हरण के नाम


☺स्ूार्य संपूर्ण विष्व का जीवन दाता है सूर्य नन्हें दीपक का ही तो रूप है जब सूर्य आंखें चुरा लेता है नन्हा दीपक हमारी आषा का केन्द्र बनकर सुबह की प्रतीक्षा का हमें साहस देता है 


☺हैे अमावस से लड़ाई युद्ध है अंधियार से 

इस लड़ाई को लड़ें हम किस हथियार से

एक नन्हा सा दीपक बोला मैं उपस्थित हूं यहां 

रोषनी की खोज में आप जाते हैं कहां 

जिन्दगी का कल नथा आज बन कर जी 

एक दिन भी जी मगर बहादुरी से जी 


☺हमारे गुरुजनों का कहना है 

हर निसहाय का सहारा बनो तुम 

घार का हल्का सा इशारा बनो तुम

हर कोई डूबता तुमको पुकारे 

 उस नदी का किनारा बनो तुम


☺ जिन्दगी में कभी फुर्सत न होगी काम से  थोड़ा सा समय निकाल कर लो प्रेम समाज से 


Saturday 7 October 2023

ukti sukti

 षिक्षक

1बुद्धिमान षिक्षक छात्र को ज्ञान के घर में प्रवेष कराने के वजाय दिमाग की दहलीज तक ले जाते है।     खलील जिब्रान


2प्रेम कर्तव्य से बेहतर षिक्षक है - अल्बर्ट आइन्सटीन


3अच्छे षिक्षक को अच्छे मनोरंजनकर्ता की तरह पहले दर्षकों का घ्यान आकर्षित करना चााहिये फिर अपना पाठ पढ़ाना ष्षुरू करना चाहिये । जाॅन हैनरिक क्लार्क


4स्वविवेक से बड़ा कोई अघ्यापक नहीं है - स्वामी विवेकानंद


5कर्तव्यों का बोध कराके महिला को अधिकार दिलाने

करते हैं कल्याणकार्य हम परिवारों में प्यार बढ़ाने ।


Friday 6 October 2023

uktiyan

 शेक्स पीयर

विद्वता से मैंने यही लाभ उठाया कि मुझे अपनी मूर्खता का ज्ञान हो गया - लुकमान

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☺’ इच्छा को जीतकर शान्ति लरभ करना।सब जीवों पर दया करना यही सब धर्मांे का मूल है- बुद्ध

☺’ परमेश्वर के प्यारे वे हैं जो उसकी सृष्टि से प्यार करते हैं - आक्सर वाइल्ड




☺यह हंसी की बात नहीं है, जीवन का सत्य है मनुष्य मूर्ख है यदि नुकसान देख कर रोता हैे। नुकसान होने पर ही आत्मा को विचार करने और ईश्वर को पूजने का समय मिलता है और सत्य का दर्शन भी प्रभु तब ही कराता है ।-टाल्सटाॅय