Wednesday, 13 April 2016

kyon

क्यों हम कुछ  सपने सजाते हैं
क्यों हम किसी को अपना बनते हैं
सपने तो टूटने के लिए होते हैं
क्यों अपने खोने के लिए होते है
क्यों हम उन्हे अपना बताते हैं 

No comments:

Post a Comment