Sunday 16 January 2022

ukti sukti

 जिसका स्वभाव सुधर जायेगा, उसके लिये दुनिया सुधर जायेगी

दूसरे की प्रसन्नता से मिली हुई वस्तु दूध के समान है,मांगकर ली हुई वस्तु पानी के समान है और दूसरे का दिल दुःखा कर ली हुई वस्तु रक्त के समान है ।

साहसी ,कर्तव्यशीलऔर परिश्रमी व्यक्ति ही लक्ष्मी को प्राप्त् कर सकते हैं- ड्रायडन

संकट के समय घीरज धारण करना ही माने आधी लड़ाई जीत लेना है - प्लांटस

परमात्मा मुझे वह आंख दे, जो संसार के सकल पदार्थों को प्रेम की दृष्टि  से देखें- वेद

किसी को भाग्य के भरोसे न रहना चाहिये। यह निश्चय सूझना चाहिये कि गुण ही भाग्य है,वही युवा पुरुध संसार में आगे बढ़ सकता है, जो जानकारी रखता है और जो अपने उद्देश्य की सिद्धि के लिये पुरा प्रयत्न करता है ।- जार्ज मूर

प्रेम स्वर्ग का ासस्ता है - टालस्टाॅय

प्रेम मनुषत्व का दूसरा नाम हे - बुद्ध


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