प्रेम ष्षाष्वत है
प्रेम एक निष्ठा! एक शब्द! एक अनुभूति ! एक जीवन! एक घड़कन ! एक प्रतीक्षा ! एक राग ! एक सुबह ! एक धुन! एक उड़ान! एक यात्रा! एक संसार! एक कोमल अर्न्तभाव ! एक तड़प! एक प्यास! एक पुकार ! एक चेहरा ! एक बोल ! एक याद ! कितना अपार, कितना अपरूप व्यास , प्रेम के वृत का बंधता.... ही नहीं भाषा में , जीवन में ही कहां बंध पाता है ।
प्रेम ऐसी शाश्वत सनातन चीज है जिसे आप इस तरह से केवल कह सकते हैं बल्कि अनुभव भी कर सकते हैं - प्रेम ब्रह्म है प्रेम परम रूप है प्रेम सत्य है !
इस तरह भी - प्रेम एक फूल है ,प्रेम परिंदा है, प्रेम गहरी घाटी हैश् प्रेम सर्वोच्च पर्वत है प्रेम निर्झर है । प्रेम नदी है प्रेम समंदर है प्रेम जीवन देता है प्रेम मार डालता है प्रेम बूंद में छिपा सागर है, प्रेम खुला आकाश है प्रेम एक तड़प है। प्रेम सृष्टि पर्यंत है प्रेम अनादि अनंत
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