Friday 13 October 2023

ukti sukti

 ऽ 1दूसरे की प्रसन्नता से मिली हुई वस्तु दूध के समान है,मांगकर ली हुई वस्तु पानी के समान है और दूसरे का दिल दुःखा कर ली हुई वस्तु रक्त के समान है ।


2साहसी ,कर्तव्यशीलऔर परिश्रमी व्यक्ति ही लक्ष्मी को प्राप्त् कर सकते हैं- ड्रायडन

3संकट के समय घीरज धारण करना ही माने आधी लड़ाई जीत लेना है - प्लांटस

4परमात्मा मुझे वह आंख दे, जो संसार के सकल पदार्थों को प्रेम की दृष्टि  से देखें- वेद

5किसी को भाग्य के भरोसे न रहना चाहिये। यह निश्चय सूझना चाहिये कि गुण ही भाग्य है,वही युवा पुरुध संसार में आगे बढ़ सकता है, जो जानकारी रखता है और जो अपने उद्देश्य की सिद्धि के लिये पुरा प्रयत्न करता है ।- जार्ज मूर


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