एक दिया उस ताखे एक दिया उस चैखट
एक दिया उस बरगद तले जलाना
2फूल सजाये दामन में पर जख्मों की पहचान नहीं
जो न किसी का दुःख बांटे वो पत्थर है इंसान नहीं
3 सपनों की बगिया महकाओ आषाओं के कमल खिलाओ
द्वार सजा हैे किरणों का रथ लेकर आओ
लम्हा लम्हा यूंही वक्त गुजर जायेगा
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