बैस्ट ऑफ वेस्ट
चाहे दो टमाटर निकले पर उन्हें पलते बढ़ते देखना सुखद लगता है कुछ सब्जियाँ ऐसी होती हैं जिन्हें बिना श्रम और परेशानी के गमले में उगाया जा सकता है। न पौध लानी न बीज लेकिन आपके पास कभी कभी काम आने वाली चीजें गमलों में आसानी से तैयार की जा सकती है । फ्लैट संस्कृति ने अब किचिन गार्डन की सुविधा भी खत्म कर दी है पर एक दो बालकनी तो होती है वहाँ कुछ गमले रखें । आप पुदीना खरीद कर लाये उसकी डंडिया फेकें नही।बस यह देख लें पुदीना जब आना प्रारम्भ होता है तब उनमें जड़ भी होती है जड़ वाला पुदीना होना चाहिये । पंत्तियाँ निकाल लेने के बाद डंडियां मिट्टी में जमा दें। कुछ ही दिन में उसमें पत्तियाँ फूटने लगेंगी सिचाई करते रहें पूरी गरमियाँ पत्तियाँ मिलती रहेगी।
हरा धनिया लगाने के लिये ,वैसे तो बिना पिसे सूखे धनिये को धूप दिखाये हल्के से बट्टे मे दबाये कि वह दो हिस्से में बट जाये फिर उसे गमले में बो दें यह सितम्बर माह में करे तो गमला हरे पत्तों से भर जायेगा पर अगर बाजार के हरे धनिये को जिसमें जड़ें होती हैं। उसके पत्ते काट लें जड़ों से दो तीन इंच तक की डंडिया छोड़ दे इन्हें मिट्टी में जमा दें। फिर से कोमल पत्तियाँ निकल आयेगी।
गाजर का ऊपरी हिस्सा एक इंच काटकर लगा दीजिये नई गाजर आ जायेगी।
लहसुन की कलियाँ अलग अलग कर गमले में गाड़ दीजिये नई लहसुन आ जायेगी।
प्याज में कभी कभी रखी हुई में कोपल फूटने लगती है कोपल वाले हिस्से को कुछ नीचे से काटकर मिट्टी में गाड़ दें सलाद के लिये हरी प्याज की डंडिया बन जायेगी और कोपल फूटी साबुत प्याज ही जमा देगें तो कुछ दिन में प्याज की गाठे बन जायेगी।
अधिक पके टमाटर कभी कभी खराब हो जाते हैं उसे गमले में दबा दें कुछ दिन में टमाटर के पौधे निकल आयेंगे अलग अलग गमले में जमा दीजिये और टमाटरों को देख कर सुखानुभूति का अनुभव करे।
आलू में छोटे छोटे अंकुरण हो जाते हैं अंकुरित आलू को इस ढंग से काटे कि अलग अलग अंकुरण वाला हिस्सा रहे और उन्हें गमले में लगा दे। दो महीने में छोटे छोटे आलुओं में गमला भर जायेगा।
अदरख की गांठों को अलग अलग कर गमले मे लगायें इसकी मिट्टी मुरमुरी रहनी चाहिये और नम तो रहे पर पानी अधिक न रहे तो अदरख तैयार होती रहेगी।
सितम्बर माह में ही अगर मेथी दाना गमले में बिखर कर मिट्टी ऊपर नीचे कर दें और मंेथी पत्ता तैयार हो जायेगा।
अजवाइन और सौंफ के पत्ते खुशबू के लिये लगा सकते हैं। फसल तो गमले में नही उग सकती पर जरा सी पत्तियाँ उसकी सब्जी में खुशबू के लिये डालिये।
सैलेरी के पत्ते काम में लें बीच वाले हिस्से को गाड़ दें नये पत्ते फूटते रहेंगे ।
इन सबसे ऊपर गमले में घर की सब्जी के छिलके चाय की पत्तियाँ धोकर अंडों के छिलके दबाते रहे खाद की आवश्यकता नही रहेगी। फल के सब्जी के छिलको को जरा सा मिक्सर मे चलाकर उन्हें गमलों में डालिये तो खाद के सड़ने का इंतजार नही करना पड़ेगा। अलग से खाद बनाने के लिये एक गमले में फल सब्जी के छिलके डालते रहें यह अवश्य करे कमी भी उसमें न गलने वाली चीज प्लास्टिक आदि न डालें और थोड़ी सी मिट्टी उसके ऊपर डालते रहें जिससे कि मच्छर नही होगें नही तो नन्हें नन्हें मच्छर पैदा हो जाते हैं। गमले में नीचे कोई प्लेट बगैरह लगा दें पानी न रहे तो बदबू आपको गमला हटाने को मजबूर कर देगा उसे ढककर धूप वाले हिस्से में रखें। अगर ख्ुली जमीन है तो गडढा बना ही सकते हैं और उसमें एकत्रित करें सबसे अच्छी खाद है ।
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