Thursday, 7 July 2016

प्यार का इजहार करूँ

कभी ख़ुशी के आंसू रुकने न देना
आँखों से गम के आंसू बहने न देना
जिंदगी न जाने कब रुक जाएगी
मगर ये दोस्ती टूटने न देना


सबने चाहा उन्हें हम न मिले
हमने चाहा उन्हें गम न मिले
ख़ुशी मिलती है उसे हमसे जुड़ा होने मैं
तो यही दुआ है की उन्हें कभी हम न मिले


हम से दूर जाओगे कैसे
दिल से हमे भुलाओगे कैसे
हम वो खुशबू है जो सांसों मैं बसते हैं
खुद की सांसों को रोक पाओगे कैसे


 एक बार  एतबार लिख दो
 कितना है मुझ से प्यार लिख दो
कटती नहीं ये जिंदगी तेरे बिना
कितना और करू इन्तजार लिख दो 

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